Story of misunderstanding
Story of misunderstanding, रात अभी पूरी तरह से हुई नहीं थी, लेकिन कुछ लोग बाहर खड़े हुए चिल्ला रहे थे, दूर होने की वजह से कुछ समझ नहीं आ रहा था.
गलतफहमी की हिंदी कहानी :- Story of misunderstanding
कि वह लोग आपस में क्या बात कर रहे हैं, उनकी बात सुनने के लिए जब उनके पास चला गया तो वह बातें कर रहे थे, कि सामने वाले घर में अभी-अभी चोर आए हैं, लोग बाहर खड़े हैं, यह कह रहे थे, कि जब भी चोर घर से बाहर निकलेंगे, तो हम उन्हें पकड़ कर बहुत ज्यादा पीटेंगे,
अंदर जाने की किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी, वह लोग बाहर खड़े थे इंतजार कर रहे थे, तभी एक आदमी ने कहा कि हमें अंदर चलकर देखना चाहिए, कि चोर वहां पर है, अभी या नहीं है, उनमें से एक आदमी बोला कि मैंने तो अभी अभी देखा था, कि वह अंदर गए हैं, but अंदर से कोई आवाज तो आ नहीं रही है,
अभी दूसरा आदमी बोला कि हमें अंदर चलना चाहिए, दरवाजे पर दस्तक दी गई और दरवाजा खुल गया, जब दरवाजा खोला तो वहां कोई चोर नहीं था, बल्कि वही मकान के मालिक थे, जो बाहर आए थे, वह कहने लगे कि आप सभी लोग यहां पर क्या कर रहे हैं, तभी एक आदमी बोला कि आपके घर में चोर आए थे, हमें लगा कि वह चोर है, इसलिए हम बाहर खड़े हुए थे, कि जब भी चोर निकलेगा तब हम उसे पकड़ लेंगे,
कहानी का मोरल :-
Story of misunderstanding, स्टोरीज इन हिंदी, मकान मालिक बोला कि चोर नहीं हमारे दोस्त हैं जिन्हें आप चोर समझ रहे हैं, वह हमारे साथ आए थे रात होने की वजह से आपको चेहरा साफ दिखाई नहीं दिया होगा, इसलिए आप सभी लोग जो समझ रहे हैं, आप सभी लोग अपने घरों वापिस जाने लगे, Because उन्हें पता चल चुका था, कि वहां कोई चोर नहीं है, कभी-कभी “गलतफहमी” भी बहुत कुछ सिखा सकती है, इसलिए हमें बहुत ध्यान रखना चाहिए.
एक आदमी की गलतफहमी हिंदी कहानी :- Story of misunderstanding
जब “गलतफहमी” होती है, तो पता चलता है, की क्या नुक्सान हुआ है,
यह कहानी एक आदमी की है, जोकि पहली बार शहर में अपने दोस्त के यहां पर आया था,
यह आदमी गांव में रहता है, जब उसके दोस्त की नौकरी लगी,
तो वह मिलने आ गया था, but उसके पास जो पता था,
वह शायद कही गुम हो गया था, उसे बहुत ही कम पता था,
फिर जब वह शहर आ गया था, अब बिना मिले नहीं जा सकता था,
वह उस गली को जानता था, जिसमे उसे आना था, but घर पता नहीं था,
दोनों के घर आमने सामने :-
वह देखता है, एक दूकान वाला बैठा हुआ है, वह उससे पूछता है,
संजीत नाम का आदमी यहां पर कहा रहता है,
वह दुकानवाला कहता है, यहां पर दो संजीत रहते है,
आप किसके बारे में पूछ रहे है, अब उस आदमी को अधिक जानकारी नहीं थी,
वह कहता है, आप मुझे दोनों का पता बता सकते है, दुकानवाला बता देता है,
उसके बाद वह देखता है, दोनों के घर आमने सामने है,
अब वह आदमी सोचता है, सही घर कौन सा हो सकता है,
वह पहले घर में जाता है, उस घर में भी संजीत नहीं होता है,
मेरा दोस्त आ गया :-
Because वह अभी ऑफिस से नहीं आया था, वह सोचता है, उसे यही इंतज़ार करना चाहिए संजीत की पत्नी कहती है, आप यहां पर इंतज़ार कर सकते है, वह जल्द ही आ जायँगे, वह आदमी उस पत्नी को भी नहीं जानता था, Because वह शादी में नहीं आया था, अपने दोस्त का गांव भी उसे याद नहीं था, but वह सोच रहा था, शायद यह सही पता है, रात हो गयी थी, संजीत आता है, वह आदमी कहता है, मेरा दोस्त आ गया है, संजीत कहता है, तुम कौन हो भाई,
गलतफहमी की वजह :-
Story of misunderstanding, यह सुनकर वह आदमी भी कहता है, तुम भी मुझे पहचान में नहीं आये हो, में तुम्हे नहीं जानता हु, यह सुनकर संजीत की पत्नी कहती है, तुम किसी को भी नहीं जानते हो, यहां पर कैसे आ गए हो, लगता है, यह चोर है, यह सुनकर वह आदमी कहता है, में चोर नहीं हु, में संजीत से मिलने आया हु, मगर संजीत कहता है, में तुम्हे नहीं जानता हु,
कुछ समय बाद बहस बढ़ गयी थी, फिर जब वह आदमी बाहर आया तो संजीत सामने से आ रहा था, वह दूसरा संजीत था, वह सब कुछ समझा देता है, यह सब कुछ “गलतफहमी” की वजह से हुआ था, वह असली संजीत के पास पहुंच गया था,