ईश्वर से बड़ा कोई नहीं दो हिंदी कहानी, Story in hindi

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Story in hindi | Hindi moral stories

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ईश्वर से बड़ा कोई नहीं दो हिंदी कहानी :- Story in hindi

Story in hindi, चंदनपुर नगर में एक राजा राज्य करता था राजा बड़ा ही दानवीर वह दयालु था उस के दरबार में जो भी आता है उसे कुछ तो जरूर देता था और भिखारियों को दान को पता था उसके दरवाजे पर अक्सर दो भिखारी आते थे वह उन्हें पैसे और खाने के लिए खाना और पहनने के लिए कपड़े देता था.

 

उनमें से एक  भिखारी जवान और दूसरा भिखारी बुड्ढा था जब राजा कपड़े और खाना खाने के लिए देता तो जवान भिखारी कहता राजा ने दिया है राजा ने दिया है लेकिन दूसरा अधिकारी जो बूढ़ा था वह कहता था सब भगवान ने दिया है भगवान ने दिया है

राजा की सोच कहानी

यह बात सुनकर एक दिन राजा ने सोचा कि यह दोनों भिखारी मेरा ही खाते हैं लेकिन फिर भी एक कहता है कि सब भगवान ने दिया है उसने एक उपाय सोचा उसने एक तरबूज मंगवाया उस तरबूज को अंदर से खोखला करवाकर उसमें बहुत सारे सोने के सिक्के भर दिए और कहा यह तरबूज जवान भिखारी को दूंगा और बूढ़े भिखारी से बोला कि आज मैं तुम्हें कुछ नहीं दूंगा

 

क्योंकि तुम तो हमेशा यही कहते हो कि भगवान ने दिया है देखो आज भगवान तुम्हें खाने के लिए कुछ देता है कि नहीं महल से बाहर निकालने पर जवान भिखारी ने वह तरबूज एक सब्जी वाले को बेच दिया और उसके बदले कुछ पैसे ले लिए और उन पैसों से उसने खाना खा लिया दूसरे भिखारी को राजा ने कुछ नहीं दिया था

हौसला बनाये रखना

 इसलिए वह बाजार में भीख मांगने लगा और उसी सब्जी वाले के पास पहुंच गया उस सब्जी वाले ने उसे वही तरबूज खाने के लिए दे दिया घर आकर जब उसमें तरबूज को काटा तो उसमें से सोने के सिक्के निकल पड़े यह देखकर बूढा भिखारी बहुत खुश हुआ और अगले दिन फिर राजा के महल के पास पहुंच गए

राजा ने पूछा क्या तुम ने कल कुछ खाया था बूढ़ा भिखारी बोला था जिसको को भगवान देता है उसे तो सब कुछ मिल जाता है आपने कल मुझे खाने के लिए कुछ नहीं दिया इसलिए मैं सब्जी वाले के पास भीख मांगने चला गया और उसने मुझे वह तरबूज दिया

छोटी सी मुलाकात कहानी

story in hindi, hindi moral stories, जिसमें सोने के सिक्के भरे थे अब राजा की समझ में आ गया कि अगर भगवान चाहे तो कुछ भी हो सकता है और किसी को वह कुछ भी दे सकता है अगर यह कहानी आपको पसंद आयी हो तो आगे भी शेयर करे और कमेंट करके हमे भी बातये.

 

राजा और ईश्वर की हिंदी कहानी :- Hindi moral stories

वह राजा हमेशा ही दुसरो की मदद करता था गरीबों को खाना खिलाना,

उन्हें जरूरत पड़ने पर सहायता करना यह सब कुछ राजा को बहुत अच्छा लगता था

वह ईश्वर की पूजा बहुत साफ़ मन से करता था.

सभी नगर के लोग उसे बहुत अच्छा मानते थे

एक दिन एक डाकू सोचता है की में अगर उस राजा को पकड़ लेता हु

तो उसके बाद मुझे बहुत अधिक धन मिल जाएगा.

 

वह डाकू उस राजा की तलाश में जाता है वह देखता है की

जब भी राजा कहि पर अकेला होगा तो उसे पकड़ा जा सकता है जब राजा अकेला होता है

तो डाकू राजा को पकड़ लेता है राजा कहते है की तुम कौन हो वह डाकू कहता है की

अब तुम्हे यहां से जाने के लिए बहुत अधिक धन देना होगा

लेकिन राजा कहते है की तुम यह काम क्यों कर रहे हो.

तुम्हे यह सब नहीं करना चाहिए. डाकू कहता है की

मुझे धन की जरूरत है. इसलिए मुझे धन चाहिए.

एक धनी व्यक्ति

वह राजा को पेड़ के पास बांध देता है उसके बाद महल चला जाता है क्योकि तभी उसे धन मिल सकता है वह डाकू महल में जाकर कहता है की राजा को पकड़ लिया गया है अगर तुम चाहते हो राजा यहां पर सही सलामत आ जाए तो धन की इच्छा पूरी की जाये उधर राजा ही कुछ देर बाद आ जाते है डाकू देखता है की राजा कैसे आ सकते. राजा कहते है की जिन्हे ईश्वर में यकीन होता है उनके लिए सब कुछ आसान होता है

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डाकू को यकीन नहीं होता है वह कहते है की आप उस पेड़ से कैसे छूट आये. राजा कहते है की जब तुम उस जगह से चले जाये आये थे उसके बाद एक चूहा मेरे पास आता है वह मेरी रस्सी को काट देता है उसके बाद में महल में आ गया था डाकू कहता है की अगर में भी ईश्वर में यकीन करू तो क्या ईश्वर मेरे साथ भी होंगे. राजा कहते है की जो भी ईश्वर में यकीन करता है उसके साथ हमेशा ईश्वर होते है अगर आपको यह दोनों कहानी पसंद आयी है शेयर जरूर करे.

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