Simple love story in hindi | Love stories in hindi
यह प्यार की कहानी (love story in hindi) उस लिफ्ट से शुरू हुई थी, जब हर रोज सुबह लिफ्ट से नीचे आया करते थे, गर्मियों के समय में भी हर रोज नौ बजे उससे मुलाकात होती थी, और जब सर्दिया आती थी,
जब शादी हुई प्यार की कहानी : Simple love story in hindi
तो दस बज जाया करते थे, हमे नहीं पता था की एक दिन उससे से शादी भी हो जायेगी, हर बार की कहानी (love stories in hindi) में ऐसा नहीं होता है, but हमारी कहानी (Simple love story in hindi) में ऐसा ही हो गया था, चलिए अब आगे चलते है, की शुरवात कब हुई थी,
ये बात बहुत साल पहले की है, Because अब जब में आपके सामने यह कहानी ला रहा हू, तो आज इस बात को बहुत साल हो गए है, जब में लास्ट ईयर में पढ़ रहा था, वह भी लास्ट ईयर में ही थी, but कॉलेज अलग थे, इसलिए ज्यादा मुलाक़ात नहीं होती थी, सिर्फ मुलाकात का समय सुबह ही होता था, हम सातवीं मंजिल पर रहते थे, और वह छठी मंजिल पर थी, जब भी कॉलेज का वक़्त होता था, तभी हम लिफ्ट से नीचे जाया करते थे, तभी मुलाक़ात होती थी,
एक दिन संडे था, संडे को समान भी आता था, Because हम और दिन जयादा बिजी होते थे, संडे को ही बचे हुए काम करते थे, Because और दिन समय का मिलना भी बहुत मुश्किल था, संडे को बहुत बार हम मिल जाया करता थे, जब पढ़ाई पूरी हुई तो एक कंपनी में जॉब मिल गयी थी, जब जॉब मिली तो शादी के रिश्ते भी आने लगे थे, पर अभी शादी का मन भी नहीं था, अभी तो जॉब मिली थी, और अब शादी कुछ अजीब सा लग रहा था,
शादी होने के बाद बहुत सी ज़िम्मेदारी आती है, और वह सब पूरी भी होनी चाहिए, इसके लिए हमे पूरी तरह तैयार होना चाहिए, इसलिए जहा तक हो स्का शादी को दूर ही रखने में कोशिश की जा रही थी, कुछ महीने बाद ही थे, की अचानक में जब जॉब से घर आया तो देखा की उस लड़की के फादर घर पर बैठे थे, उन्हें देखकर ऐसा लगा की यह कोई शिकायत लेकर आये है, या फिर उन्होंने हमे देख लिया होगा, ऐसा ही ख्याल मन में चल रहा था, वो काफी देर तक हमारे यहां पर बैठे थे,
जब वो चले गए तो मेरी बिलकुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी, की अपने माता-पिता से यह पूछा जाए की वह क्यों आये थे, इस बात का पता हमे बिलकुल भी नहीं चला था, की वो क्यों आये थे, अगली सुबह में अपने ऑफिस को निकल गया था, मन में ख्याल आ रहा था की उन्होंने ने क्या कहा होगा, दो दिन बाद मेरी माँ ने मुझे बतया की कुछ दिन बाद मेरी शादी है, ऐसा सुनकर मुझे बहुत डर लगने लगा था,
Because में पहले भी मना कर चुका था, अब मुझे बिना पूछे ही शादी तय कर ली थी, उन्होंने ने तो शादी की डेट भी तय कर ली थी, शादी की डेट अगले महीने की थी, अब कुछ भी बोलना सही नहीं था, अब में उस लड़की से क्या जवाब दूंगा, की मेरी शदी हो गयी है, मेने उस लड़की को फोन किया और उसने भी कहा की मेरी भी शादी तय हो चुकी है, अब कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, की यह सब क्या हो रहा है,
जब शादी की डेट नज़दीक आयी तो हमने मिलने का फैसला किया, हम दोनों अपनी छत पर ही मिले और यह सब बाते की, यह सब क्या हो रहा है हमारी शादी अगले ही महीने है, और हम दोनों यह नहीं जानते है की हमारी शादी किस्से हो रही है, तभी हमर माता-पिता भी छत पर आ गए थे, जब वो आये तो हम दोनों बहुत डर चुके थे,
Because उन्होंने ने हमे एक साथ देख लिया था, उन्होंने ने हमे शादी के कार्ड दिए, उन कार्ड पर हम दोनों का नाम लिखा था, हम यह देख घबराये भी और खुश भी हो गए थे, उस दिन जब लड़की के पापा घर आये थे, तो यही बात करने आये थे, क्योकि उन्होंने ने हमे एक दूसरे के साथ दिख लिया था, इसलिए दोनों की शादी की जाए, इसलिए उन्होंने ने नहीं बताया था, हमारे साथ कभी अच्छा हो जाता है तो हम खुश हो जाते है, हमारे प्यार की कहानी एक सच्ची कहानी है, जब शादी हुई, Simple love story in hindi, love stories in hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये
ऑफिस के प्यार की कहानी : love stories in hindi
हम दोनों में क्या अलग था हमे कुछ पता नहीं था but एक बात हमे लगती थी की हम दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे, यही कारन था की हम दोनों शादी करना चाहता थे एक दिन उसके घर गया था और इस बारे में बात करने की पूरी कोशिश की थी but उस दिन भी बात अधूरी रह गयी थी, हम दोनों एक ही ऑफिस में काम करते है वही से सब कुछ शुरू हुआ था कुछ साल तक एक दूसरे को जानने में ही चला गया था, but हमने यही ठीक समझा था,
जब हम दोनों को एक दूसरे की समझ हो गयी थी तभी हमने शादी की बात सामने रखी थी हम दोनों में love बढ़ता ही जा रहा था Because हम दोनों को लगता था की हम दोनों अब बहुत love करते है इसलिए हमने ऐसा सोचा था, उस दिन भी उसके घर बात करने गया था but सब कुछ भूल गया था Because उनकी हालत अधिक अच्छी नहीं थी, माता बीमार रहती थी, सभी जिम्मेदारी उनकी लड़की ने ली थी, वही से सब कुछ अलग सोच पर चल रहा था,
कॉलेज का आखरी दिन प्यार की कहानी
कोई भी ठीक समय नहीं मिला रहा था अगर मेरी शादी उससे होती है तो माता अकेली हो जाएगी उसका भाई अभी बहुत छोटा है वह पढ़ रहा है शायद मेरी बात सुनने के बाद वह कोई फैसला न ले पाए but यह कब तक चलेगा इसलिए सोचना ही होगा कुछ दिन के बाद फिर से वही बात करने गया था इस बार बात हो गयी थी हम दोनों एक दूर से love करते है और शादी करना चाहते है अगर आपको कोई एतराज हो तो आप कह सकती है माता ने सिर्फ इतना ही कहा था की तुम बहुत अच्छे हो और बहुत बार यहां पर आये हो, मुझे कोई भी परेशानी नहीं है
Simple love story in hindi | love stories in hindi
उस दिन की बात से सब कुछ ठीक हो गया था कुछ समय बाद ही हमारी शादी हो भी हो गया थी और माता की तबियत भी ठीक लग रही थी भले ही हमने शादी कर ली थी but अपनी जिम्मेदारी से दूर नहीं थे उसका भाई पढ़ रहा था उसे कोई परेशानी नहीं थी Because उनकी परेशानी हमारी परेशानी भी थी, शायद यही जीवन का सार है, जोकि हमे समझना चाहिए अगर आपको यह प्यार की कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे
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