अकबर-बीरबल और मुखिया की कहानी, akbar birbal story in hindi

Author:

Akbar birbal story in hindi

अकबर-बीरबल और मुखिया की कहानी, akbar birbal story in hindi, इस कहानी में बीरबल अपनी सूझ-भूज से काम लेता है, और अकबर को बचा लेता है,

अकबर-बीरबल और मुखिया की कहानी :- Akbar birbal story in hindi

birbal story.jpg
akbar birbal story in hindi

अगर वह ऐसा न करता तो वह मुसीबत में पड़ जाता, यह कहानी आपको पसंद आएगी, एक बार अकबर और बीरबल घूमते हुए काफी दूर निकल आए थे, वह अपने राज्य से बहुत ज्यादा दूर थे, उनके साथ कोई भी सैनिक नहीं था, तभी बीरबल ने कहा कि महाराज हम बहुत ज्यादा दूर आ गए हैं और हमें यह समझ में नहीं आ रहा है, कि यह सीमा कहां से कहां तक फैली हुए हैं

 

अकबर ने कहा कि हमें कुछ दूरी पर कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं हमें उनके पास चलना चाहिए और आज रात को वहीं पर रहना चाहिए उसके बाद ही हम आगे बढ़ेंगे Because वह ज्यादा समय बीत चुका है अब हम अपने महल पर वापस नहीं लौट सकते, Read More- अकबर-बीरबल और मुखिया की कहानी

 

मेरा घोड़ा :-

उसके बाद अकबर और बीरबल उन लोगों की तरफ बढ़ने लगे जो दूर से दिखाई दे रहे थे, तभी उन्होंने रुक कर कहा कि लगता है, यह कोई गांव है, अकबर ने कहा कि ठीक है हम इस गांव के मुखिया के बारे में जरूर जानना चाहेंगे, इसलिए हमें आगे की ओर बढ़ते रहना चाहिए,

 

बीरबल ने कहा कि मेरा घोड़ा ज्यादा दूर तक नहीं चल पा रहा है, इसलिए आप आगे चलिए मैं अपने घोड़े को थोड़ा सा पानी पिला कर ले कर आता हूं, आप चलते रहिए मैं आपके पीछे-पीछे आ जाऊंगा अकबर ने कहा कि ठीक है, मैं उस गांव में चलता हूं तुम मुझे वहीं पर मिलना है,  Read More- कबीले के पास की गुफा हिंदी कहानी

 

अकबर से कभी भी नहीं मिले :-

इस प्रकार राजा अकबर आगे की ओर बढ़ते रहे और बीरबल वहीं पर रुक गए, जब अकबर गांव में पहुंचे तो सभी लोग अकबर को देखने लगे, Because वह अकबर से कभी भी नहीं मिले थे, जब अकबर उस गांव में पहुंचे तो पूछने लगे कि तुम्हारा मुखिया कहां पर है,

 

मुझे उनसे मिलना है तभी गांव वाले कहने लगे कि आप कौन हम आपको नहीं जानते हैं, और आप यहां पर क्या कर रहे हैं आप हमारे मुखिया के बारे में क्यों पूछ रहे हैं, उसके बाद मुखिया आया और कहने लगा कि आप कौन हैं, मैं आपको नहीं जानता आप यहां पर क्या कर रहे हैं, दो शेर की नयी कहानी

 

रास्ता भटक गए :-

तभी अकबर ने कहा कि हम बहुत दूर निकल आए हैं और इसी वजह से रास्ता भटक गए हैं, इसलिए हमें आज रात को आपके यहां पर रुकने आज्ञा दे दीजिए, मुखिया ने कहा कि हम आपको नहीं जानते, इसलिए हम आपको यहां पर नहीं ठहरा सकते हैं, हमें लगता है, कि आप कोई जासूसी कर रहे हैं, तभी राजा ने कहा कि मैं अकबर राजा हूं तभी मुखिया कहने लगा कि हमें तो लगता है, यह जासूस है

 

इसे पकड़ लेना चाहिए यह हमारे गांव की जासूसी करने आया है, उस राजा को पकड़ लिया गया, राजा को बंदी बनाकर रखा गया, और उसके बाद बीरबल भी धीरे-धीरे उसी गांव की ओर बढ़ रहे थे, बीरबल ने देखा कि काफी लोग इधर उधर भाग रहे हैं, बीरबल की समझ में आ गया था, कि राजा को शायद बंदी बना लिया गया है, और इसी प्रकार वह सभी लोग बहुत ही चिंतित दिखाई दे रहे हैं, और मुझे अपनी सूझबूझ से काम लेना होगा नहीं, तो यह मुझे भी बंदी बना लेंगे, बीरबल की समस्या भी दूर हुई कहानी

 

बीरबल गांव में पहुंचे :-

उसके बाद बीरबल ने गांव वालों का ही वेशभूषा बनाकर गांव की तरफ बढ़ने लगे, Because इस प्रकार वह गांव वालों जैसे दिख रहे थे, जब बीरबल गांव में पहुंचे तो एक आदमी से पूछने लगे कि यहां पर क्या हुआ था, तब वह कहने लगा कि यहां पर कोई जासूस आया है, जो हमारे गांव की जासूसी कर रहा है,

 

मुखिया ने उसे पकड़ लिया है और बंदी बना दिया है, उसके बाद मुखिया उस आदमी से बात कर रहे हैं, कि जासूसी करने के लिए यहां पर क्यों आया है, उसके बाद बीरबल ने सोचा कि अगर मैं भी यह बात कहता हूं, तो यह मुझे पकड़ लेंगे और बंदी बना लेंगे, इस प्रकार राजा बीरबल वहां से वापस चले गए, और अपने सेनापति के साथ अगले दिन में उस गांव की ओर पधारे, Read More- आठ सबसे अच्छी कहानी

 

गांव वाले घबरा गए :-

कुछ सैनिकों को गांव में लेकर आए तो गांव वाले घबरा गए, और कहने लगे कि हमसे क्या गलती हो गई है, जो कि यहां पर सेना को लेकर आए हैं, तभी बीरबल कहने लगे कि आपने जिन्हें बंदी बनाया है, वह अकबर राजा हैं, जब मुखिया को यह बात पता चली, तो वह अपनी गलती पर पछता रहे थे और उन्हें छोड़ दिया गया,

 

मुखिया ने अकबर से माफी मांगी और कहने लगे कि हमें माफ कर दीजिए, हमसे गलती हो गई हम नहीं पहचान पाए कि आप हमारे राजा हैं, अकबर ने कहा कि तुम्हें इस बात के लिए सजा मिलेगी, तुम्हें यह सोचना चाहिए, कि जब मैं राजा के बारे में बात कर रहा हूं, तो तुम्हें समझ जाना चाहिए था, कि मैं ही उस राज्य का राजा हूं, बीरबल और नगर की कहानी

 

बीरबल की बात सुनकर :-

but तुमने मेरी कोई बात नहीं सुनी इसलिए तुम्हें सजा दी जाएगी, उसके बाद बीरबल वहां पर पहुंच गए और कहने लगे महाराज जी हमें इन्हें सजा नहीं देनी चाहिए इनसे गलती हो गई है, यह आपको पहचान नहीं पा रहे थे, इसी वजह से आप को बंदी बना लिया गया, अकबर ने कहा कि जब मैंने बहुत बार कहा कि, मैं राजा हूं, तभी यह सुनने को तैयार नहीं थे, बीरबल ने कहा कि यह आप को नहीं पहचानते, इसी वजह से ऐसा हुआ है, बीरबल की बात सुनकर अकबर कहने लगे ठीक है मैं तुम्हारे कहने पर ही नहीं छोड़ देता हूं, Read More- राजकुमारी का विवाह किड्स कहानी

 

उसके बाद अकबर और बीरबल राजा वहां से वापस अपने महल की ओर चले गए, बीरबल ने अपनी चालाकी से राजा को बचा लिया और मुखिया को भी सजा होने से उन्होंने बचा लिया, तो उन्होंने अपनी सूझबूझ के परिणाम से यह सब कुछ किया था, अगर हम अपनी सूझभूज का सही प्रयोग समय आने पर करते है, तो इससे सभी को फायदा होता है, इसलिए आपको भी ऐसा ही करना चाहिए,

 

कहानी का मोरल :-

जिससे आप अपनी समझ का सही प्रयोग कर पाए, और आप से कभी भी गलती न होने पाए, यह कहानी हमे यही बताते है की आप अपनी सूझ-भुज कर प्रयोग समय आने पर जरूर करे, अकबर-बीरबल और मुखिया की कहानी, (akbar birbal story in hindi), अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये, 

Read More Hindi Story :-

अकबर और जंगली शेर की कहानी

बीरबल की खिचड़ी की नयी कहानी

धन का पेड़ बहुत छोटा है किड्स कहानी

बीरबल और दुकान की कहानी

राजकुमारी और तितली की कहानी

राजकुमारी और जादूगर बुढ़िया की कहानी

बीरबल और गरीब आदमी की कहानी

बीरबल ने बचाया अकबर को नयी कहानी

जादुई नाव की कहानी

अकबर और बीरबल की साथ नयी कहानी 

दादी माँ की कहानी

जामुन की तलाश बच्चों की कहानी

खाने की समस्या बच्चों की कहानी

अकबर बीरबल की मजेदार नयी कहानियां

नानी की पुरानी कहानी

साथ देना जरुरी एक कहानी

भाषाओं का ज्ञान कहानी

अनोखी भाषा की हिंदी कहानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.