अर्टिकेरिया रोग का इलाज, urticaria treatment in hindi

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Urticaria treatment in hindi

urticaria treatment in hindi, इसे अन्य कई नमो से भी जाना जाता है जैसे पित उछलना, धपड, हीवेज, नेटाइल रेस छपाकी, शीतलपित, जुडी पित्ती आदि,  इस क्रम के जारी रहने से त्वचा मैं जलन और ज्वर जैसे लक्षण भी साथ-साथ त्रस्त करते है.   

अर्टिकेरिया रोग का इलाज :- Urticaria treatment in hindi

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urticaria treatment in hindi

पित्त या अर्टिकेरियाहोने के कारन :-
१- कुछ रोगियों मैं यह त्वक विकार अनुवांशिक होता है. 

२- कुछ ऐलोपैथिक औषिधियो सबके लिए अनुकूल नहीं होने से भी इसे ददोरे उत्पन्न करती है. 

३-कुछ खादए पाय पदार्थ भी इसे लक्षण प्रकट करते है. जैसे प्रिजर्वेटिव वाले पदार्थ , मांस , अंडा आदि. इसके अलावा दूध – दही से भी कई बार इस प्रकार के लक्षण प्रकट हो जाते है. 

४- गर्मी और अति ठण्ड मैं भी इसके लक्षण देखने को मिलते है. इसके आलावा पसीना से तार अवस्था मैं एकाएक सरे कपडे उतारकर अलग अलग कर देना धुप से आते ही ठंडा पानी पीना आदि कारणों से भी त्वचा पर  ददोरे निकल आते है.

 

५- कई बार कीट कर्मी , जैसे बर्र , मच्छर , खटमल आदि . के दंश  से भी इस रोग के लक्षण प्रकट होते है.

 

लक्षण:- Urticaria treatment ke lakshan

१- शरीर पर एकाएक त्रीव खुजली होने लगती है.झा झा खुजली होती है वह वह लाल – लाल चकते उभर आते है . ११ से १६ घंटे  तक  यह खुजली बानी रहती है. हलाकि बाद मैं यह काम हो जाती है. लकिन तब भी पूरा आराम नहीं मिलता है. 

२- चकते अधिक और एक दूसरे के नजदीक हो तो पुरे शरीर पर ही सूजन का प्रभाव दिखाए पड़ता है.

३-इसके साथ – साथ जावर का भी प्रकोप हो जाता है जो की मूल रोग के ठीक हो जाने से स्वते नष्ट हो जाता है. 

४- इसमे मिचली , वमन , बेचैनी आदि लक्षण भी देखने को मिलते है. 

५- ये जो चकते है ये पूरी तरह से सत्यही नहीं होते बल्कि पहले निकले हुए चकते मिटते रहते है और नए चकते निकलते रहते है.

 

Chapaki ka ilaj | urticaria home remedies in hindi :- उपचार | पित्त का घरेलू इलाज

१- ५ से १० मिली अदरक का रास लेकर प्रतिदिन सुबह शाम गुड़ के साथ सेवन करे .

२- मैनफल के व्रक्ष की छाल का क्वाथ सेवन करने से लाभ मिलता है .

३- कबीला को तैल मैं घोलकर पुरे शरीर पर लागने से लाभ मिलता है.

४- कुसुम का शुद्ध तैल लगाने से भी रोग से मुक्ति मिल जाती है. 

५-यवक्षार का घोल लगाने से अर्टिकेरिया का निवारण होता है.

६-कप्पोर को नारियल तैल मैं घोलकर लगाना विशेष रूप से लाभप्रदः होता है.

७-दही, नमक और काली मिर्च के साथ प्रतिदिन सुबह शाम करंज का पत्र स्वरस सेवन करने से शांति मिलती है. 

८-नीम का तैल संभाग टिल के तैल मैं मिलकर मालिश करने से यह रोग नष्ठ हो जाता है. 

९- केले के स्तम्भ का रास २५ से ५० मिली की मात्रा मैं प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करने से लाभ होता है.

१०- urticaria treatment in hindi, अरनी की जड़ को पीसकर घृत के साथ १-२ ग्राम की मात्रा मैं प्रतिदिन दो बार सेवन करने से लाभ होता है.

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