बिना सोचे विचारे हिंदी कहानी 

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Storyinhindi

Storyinhindi, Hindi story, जब हम अपने जीवन में बिना सोचे काम करते है. उसके बाद उस काम का परिणाम हमे सोचने पर मजबूर जरूर करता है. हमे उस काम के बारे में सोचना चाहिए. यह कहानी हमे सिखाती है. जीवन में कभी भी कोई भी काम बिना सोचे नहीं करना चाहिए. क्योकि उसके बाद पछताने से कुछ नहीं होगा. एक  दिन एक आदमी बहुत ही परेशान था वह अपनी समस्याओं से इतना परेशान हो गया था कि वह सोच रहा था मैं क्या करूं कहां जाऊं और कैसे रहूंगा जब बहुत अधिक सोच लिया तो उसे एक विचार आया कि अब तो मुझे अपना जीवन समाप्त कर देना चाहिए

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क्योंकि मेरे कुछ नहीं है ना खाने को कुछ है न करने को कुछ है और मैं बहुत परेशान भी हूं इस परेशानी से निकलने का सिर्फ यही एक रास्ता है जब आदमी अपने जीवन को समाप्त करने के लिए जा रहा था तो तभी रास्ते में एक महात्मा उसे मिले और उसने पूछा कि तुम कहां जा रहे हो तब 

एक धनी व्यक्ति

उसने बताया कि महाराज मैं बहुत दुखी हूं अपने जीवन को समाप्त करने के लिए जा रहा हूं इस पर महात्मा ने कहा कि तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी सारी समस्याओं का समाधान कर दूंगा आओ मेरे साथ आश्रम में चलो मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूं

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तभी वह आदमी महात्मा जी के साथ आश्रम में चला गया  महात्मा जी ने कहा कि अगर तुम मेरी 1 साल तक सेवा करते हो  तो मैं तुम्हें एक ऐसा जादुई पात्र दूंगा जिससे तुम जो चाहो बना सकते हो लेकिन अगर वह जादुई पात्र तुम से टूट कर गिर गया तो यह सब जो उसने दिया है समाप्त हो जाएगा

आदत से मजबूर

और अगर तुम मेरी सेवा 3 साल तक करते हो तो मैं तुम्हें जादुई पात्र बनाने की भी विद्या सिखा सकता हूं अगर जो चाहो इसमें से चुन लो तो आदमी ने कहा कि मुझे तो जल्द से जल्द अपनी परेशानी खत्म करनी है तो मुझे तो आप 1 साल तक ही बता दीजिए

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मैं जादुई पात्र मुझे जिस तरह मिल जाए फिर उस आदमी ने 1 साल तक साधु की सेवा की ओर साधु ने उसे वह जादुई पात्र दे दिया अब जादुई पात्र लेकर अपने घर गया और बहुत सारी चीजें उसने बनाई और उससे बहुत सारा सामान भी  बनाया जो की उसके आराम के लिए काफी था और ऐसे बीते बीते कुछ साल बीत गए

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और एक दिन वह बहुत ज्यादा आलस में पड़ गया ना कुछ काम करता था ना कुछ बस मजे ही मजे करता था और इस तरह वह मजे करता हुआ एक दिन नाच रहा था और नाचते- नाचते उसने वह पात्र गिरा दिया पात्र गिरते ही टूट गया

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वह सारा उसका जादुई असर खत्म हो गया और वह फिर से वही जीवन में आ गया जैसा कि वह पहले था फिर उस आदमी ने सोचा कि अगर मैंने गुरु जी की सेवा 3 साल तक की होती तो मुझे जादुई पात्र बनाने की भी विद्या जाती लेकिन मैंने जल्दबाजी में सिर्फ 1 साल ही में ही वह पात्र लेकर मैं आ गया है अगर मैं बहुत थोड़ा रुक जाता तो मुझे और भी कुछ मिल सकता था

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storyinhindi, hindi story, दोस्तो इस कहानी से सीख मिलती है कि अगर आप कुछ भी करना चाहते हैं तो उसे पूरा सीखें अगर आप उसे अधूरा सीखते हैं तो वह आपके लिए समस्या बन सकता है.

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