राजा का स्वर्ग देखना तेनाली की कहानी, stories of tenali raman in hindi

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Stories of tenali raman in hindi

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stories of tenali raman in hindi

राजा का स्वर्ग देखना तेनाली की कहानी : stories of tenali raman in hindi

stories of tenali raman in hindi, एक बार की बात है कि राजा अपने विजयनगर राज्य में भ्रमण कर रहे थे तो उनके मन में ख्याल आया कि क्या हम स्वर्ग को देख सकते हैं तभी राजा ने यह बात सारे दरबार के सामने रखी कि कौन मुझे स्वर्ग को दिखा सकता है जो भी स्वर्ग को दिखाएगा मैं उसे इनाम दूंगा पर राजा की बात सुनकर सभी सोचना पड़ गई कि सबको कैसे दिखाया जाए तुम्हारे मंत्रियों ने यह सोचा कि क्यों ना इस बार तेनालीरामन को फसा दिया जाए तो

 

सभी दरबारियों ने कहा कि महाराज जी आप तेनाली रमन को बुलाइए वही आपको स्वर्ग दिखा सकते हैं तेनाली रमन को दरबार में बुलाया गया और कहा गया कि अगर तुम स्वर्ग को दिखाओगे तो मैं तुम्हें इनाम दूंगा और अगर स्वर्ग को नहीं दिखा पाए तो मैं तुम्हें दंडित करूंगा अब तेनाली रमन को समझ में आ गया क्या अब तो राजा को स्वर्ग दिखाना ही पड़ेगा नहीं तो दंडित होना पड़ेगा अब सभी दरबारियों ने सोचा कि आप तेनालीरामन पूरी तरह से फंस चुके हैं

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 अब तेनाली रमन को सजा मिलकर ही रहेगी तेनाली रमन ने इस काम को पूरा करने के लिए बाहर से 2 महीने का समय मांगा महाराज कृष्णदेव राय ने तेनाली रमन को 2 महीने का समय दिया और कहा कि 2 महीने तक स्वर्ग को दिखाने का इंतजाम कर लो जब 2 महीने बीत गए तब  तेनाली रमन ने कहा कि महाराज जी स्वर्ग तैयार है सभी दरबारी और महाराज तेनालीरामन के साथ उस जगह पर जाने को तैयार हो गए जहां पर तेनालीरामन ने कहा था कि स्वर्ग तैयार हो चुका है अब तेनालीरामन एक बगीचे में पहुंच गए और कहा महाराज देखिए यही स्वर्ग है

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महाराज ने कहा कि यह स्वर्ग नहीं है यह तो एक बगीचा है तो तेनालीरामन ने कहा देखिए महाराज यहां पर कितने तरह के फूल खिले हुए हैं घास उगी हुई है और कितनी अच्छी हवा चल रही है यह स्वर्ग से कम नहीं है अब महाराज की बात समझ में आ गई कि देखिए धरती पर ही स्वर्ग है अब तेनालीरामन को उपहार दिया जाएगा क्योंकि इन्होंने सच सच बात कही कि स्वर्ग धरती पर ही है तभी महाराज ने तेनालीरामन को बहुत सी स्वर्णमुद्राएं दी और कहा कि तुमने सही बात कही फिर महाराज ने पूछा कि इन स्वर्ण मुद्राओं का तुम क्या करोगे तभी तेनाली रमन ने कहा कि मैं इनसे और अच्छे फूल उग आऊंगा और और दरबार के चारों तरफ इन्हें लगा दूंगा जिससे

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हमारा दरबार भी बहुत अच्छा लगे आपको कहीं भी स्वर्ग ढूंढने की कोई जरूरत ही ना पड़े महाराज और भी प्रसन्न हो गए और तेनाली रमन को और बहुत से उतार दिए इस प्रकार तेनालीरामन अपनी बुद्धि के लिए बहुत जाने जाते हैं अब सभी दरबारी इस बात को मान गए थे कि तेनाली रमन से ज्यादा बुद्धिमान और कोई नहीं है तेनालीरामन का दिमाग बहुत तेज चलता था वह हर किसी से बहुत तेजी से सोच सकते थे वह हर समस्या को दूर करने में अधिक समय नहीं लगाते थे यह बात सभी लोग बहुत अच्छे से जानते थे इस कहानी में भी तेनालीरामन ने समस्या को बहुत जल्दी ही दूर कर दिया था, राजा का स्वर्ग देखना , stories of tenali raman in hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे

तेनाली रमन और राजगुरु की कहानी

राजगुरु को लगता था. अगर तेनाली रमन यह अपर रहते है.

तो राजा भी उनकी और ध्यान देते है. इसलिए राजगुरु ने कुछ ऐसा सोचा था.

जिससे तेनाली रमन को दरबार से निकाल दिया जाये. तेनाली रमन राजगुरु को जानते थे

क्योकि वह हमेशा ही उन्हें तंग किया करते थे.

इसलिए तेनाली रमन उन पर नज़र रखते थे. एक दिन की बात है.

राजगुरु ने सोचा की मुझे यह काम करना चाहिए.

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राजा के पास राजगुरु आते है. वह कहते है की नगर में कुछ समस्या आ गयी है,

अगर आप तेनाली रमन को भेजकर कुछ लोगो की मदद कर सकते है

तो इससे नगर के लोग समस्या से दूर हो सकते है राजा तुरंत ही बात मान जाते है

वह तेनाली रमन को बुलाते है. उनसे कहते है की यह धन में तुम्हे देता हु

इससे नगर की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है.

यह बात राजा के सामने राज गुरु ने रखी थी. इसलिए तेनाली रमन को कुछ शक हो रहा था.

लेकिन राजा ने कहा है इसलिए वह चले जाते है

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दोपहर का समय हो रहा था. तेनाली रमन को भूख लगी थी इसलिए वह भोजन करने पहले घर जाते है वह पोटली जिसमे धन रखा था वह अपने पास रखते है. तेनाली रमन भोजन कर रहे थे. उसके बाद वह नगर में जाने ही वाले थे की पोटली चोरी हो गयी थी. तेनाली रमन सब कुछ जानते थे कुछ समय बाद ही एक सैनिक आता है. वह कहता है की राजा ने आपको बुलाया है. तेनाली रमन राजा के पास जाते है.

 

राजा कहते है की धन की पोटली का धन समाप्त कर दिया गया है. यह सुनकर तेनाली रमन कहते है की ऐसा कुछ भी नहीं है. राजा कहते है की हमे राजगुरु ने बताया है की तुमने उस धन से अपने लिए बहुत अधिक सामान खरीद लिया है जबकि यह धन नगर के लोगो का था. अब तेनाली रमन सब कुछ समझ गए थे. तेनाली रमन राजा से कहते है की राजगुरु को कुछ धोखा हुआ है. जबकि में अभी अपने घर से खाना खाकर आया हु.

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राजगुरु कहते है की अगर मुझे धोखा हुआ है तो वह धन कहा है तेनाली रमन पोटली से धन निकाल कर दिखा देते है राजा कहते है यह धन आपके पास है राजा राजगुरु से कहते है की कहने से पहले सोचा करो. तुमने तेनाली रमन पर यह गलत बात कही है. तेनाली रमन कहते है की कोई बात नहीं है. राजगुरु को धोखा हुआ होगा. इस तरह तेनाली रमन अपनी चालाकी से बच गए थे. उन्होंने वह धन की पोटली बदल दी थी. अगर आपको यह दोनों तेनाली रमन की कहानी पसंद आयी है शेयर जरूर करे.

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