भोलेपन की मिसाल की हिंदी कहानी, Hindi story

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Hindi story, hindi short stories for kids. एक गांव में रमेश और उसकी पत्नी शीला दोनों आराम से बैठे थे उन दोनों के पास थोड़ी बहुत जमीन थी जिस में रमेश सब्जी बोता था और सब्जी को काट कर उन्हें शहर बेचने के लिए ले जाता था उससे जो पैसे कमाता था उसी से उनके घर चलता था

भोलेपन की मिसाल की हिंदी कहानी :- Hindi story

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दोनों पति-पत्नी बहुत अच्छे थे ज्यादा पढ़े लिखे भी नहीं थे इतने सीधे-सादे थे कि किसी को बुरा भला कुछ भी नहीं कहते थे बस आराम से रहते थे एक दिन रमेश शहर गया और शहर से एक गाय लाया, गाय को वह मंगलवार के दिन लाया था इसलिए उसने उसका नाम मंगला रख दिया

दोनों के घर की स्थिति :-

मंगला बहुत सीधी सादी गाय थी व रमेश के घर आकर खूब दूध देती थी अब रमेश उसका दूध भी बेचने लग गया था वह उसका दूध निकालकर शहर ले जाता था और उसको वहां पर बेचता था जिससे उसे कुछ पैसे भी मिलते थे अब उन दोनों के घर की स्थिति पहले से अच्छी हो गई थी

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रमेश को सुबह जल्दी उठना पड़ता था क्योंकि वह सब्जी शहर ले जाता था तो गाय की देखभाल उसकी पत्नी की करती थी वह रोज जब रोटी बनाती तो एक रोटी का आटा एक पन्नी में रखकर मंगला के लिए रख देती पन्नी में इसलिए रखती थी क्योंकि मंगला मंगला मिट्टी ना खा जाए

दो-तीन महीने बीत गए :-

आटे की लोई के चक्कर में इसीलिए वह रखती थी जिसको मंगला खा जाती थी देखते ही देखते दो-तीन महीने बीत गए अब मंगला धीरे-धीरे चुपचाप सीधी सादी बीमार सी रहने लगी पहले की तरह ना तो अच्छा दूध देती थी ना इधर उधर चलते थी, रमेश की पत्नी ने कहा पता नहीं इस को क्या हो गया है आज इसकी नजर उतारती हूं रमेश की पत्नी ने बहुत सारे मिर्च को उसके ऊपर से उतारा और आग में झोंक दिया और कुछ नहीं हुआ उनके पड़ोस में एक लड़का मोहन रहता था जो शहद बेचने के लिए जाता था वह बोला चाची जंगली जानवरों को नजर नहीं लगती इसको कुछ और हो गया है रमेश बोला पता नहीं बेटा क्या हो गया है

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पहले तो सही रहती थी अब पता नहीं क्या हो गया है मोहन बोला चाचा आप ऐसे डॉक्टर के पास ले जाओ रमेश उसे डॉक्टर के पास ले गया डॉक्टर के पास जाकर उसने उस को दिखाया डॉक्टर बोला कि इसके पेट में कुछ ऐसी चीज चली गई है जिससे इसका ना तो पेट साफ होता है ना ही इसको पेशाब आता है, मानो सब कुछ रुक गया हो रमेश बोला ऐसा तो यह कुछ नहीं खाती

मिट्टी से परहेज हो :-

डॉक्टर बोला नहीं इसके पेट में कुछ प्लास्टिक का चला गया है शीला बोली प्लास्टिक का क्या होता है

क्योंकि शीला बहुत सीधी शादी थी उसे कुछ नहीं पता था उसने कहा कि

मैं तो इसे एक पन्नी में पराठे रख कर देती हूं डॉक्टर बोला कि यह तो गाय है

आदमी नहीं जो इसे मिट्टी से परहेज हो यह पराठे के चक्कर में उस पन्नी को भी खा जाती है

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जो उसके पेट में जमा हो गई है और वह अब कुछ भी पचने नहीं दे रही है इसी से इसका पेट क्या हो गया है इसकी भूख मर गई है रमेश बोला ऐसा कैसे हो सकता है डॉक्टर बोला ऐसे ही हुआ है पन्नी तो हम है इंसान भी नहीं पचा पाते, फिर यह जानवर कैसे पचा पाएंगे रमेश ने कहा अब क्या होगा डॉक्टर बोला मैं अब इस का ऑपरेशन करूंगा और उससे इसके पन्नी निकल जाएगी ऑपरेशन से मंगला पहले की तरह अच्छी हो गई वह वापस घर आ गई और सब से मिलने लगी

hindi story, hindi short stories for kids, जैसे सब के गले मिल रही हो शीला और रमेश को एक बात समझ आ गई थी इस दुनिया में थोड़ा बहुत पढ़ना भी जरूरी होता है अगर हम सीधे साधे होंगे तो हमारे लिए ही मुसीबत होगी.अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी जरूर शेयर करे और कमेंट करके हमे भी बातये.

 

समेश का भोलापन और जादूगर की किड्स कहानी :- Hindi short stories for kids

समेश बहुत भोला था. वह किसी की भी बात में आ जाया करता था. उसे यह भी सोचना चाहिए था. की उसे किसी की बात को समझना चाहिए था. तभी वह आगे बढ़ सकता था मगर समेश का भोलापन उसके काम नहीं आ रहा था बल्कि वह उससे नुक्सान ही देख रहा था, एक दिन की बात है समेश को एक जादूगर मिलता है. वह उससे कहता है की तुम मेरी मदद कर सकते हो.

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जब समेश ने मदद की बात सुनी वह कहने लगता है की

अगर हम किसी की मदद नहीं करते है तो यह अच्छी बात नहीं होती है.

इसलिए समेश उसकी बात मान जाता है. क्योकि वह बहुत भोला था.

आज जादूगर को कोई ऐसा आदमी मिल गया था

जिसकी मदद से वह अपना मकसद पूरा कर सकता था

जादूगर समेश को उस जगह पर भेजना चाहता था.

जिस जगह पर उसे धन की प्राप्ति हो सकती थी.

वह बहुत अमीर बन सकता था. मगर जादूगर उस जगह के बारे में नहीं जानता था

उस जगह पर धन है :-

इसलिए वह किसी आदमी की मदद लेकर ही पता कर सकता था, अगले दिन जादगुर समेश से मिलता है वह कहता है की तुम्हे उस जगह पर जाना है उस जगह से ही तुम्हे जानकारी मिल सकती है तुम्हे जाकर सिर्फ यह पता करना है की उस जगह पर क्या है जबकि जादगुर जानता था की उस जगह पर धन है मगर वह समेश को यह बात नहीं बताना चाहता था. समेश उस जगह पर जाता है

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वह देखता है की यहां पर बहुत अधिक धन है यह धन सभी की भलाई में काम आ सकता है, इसलिए जादूगर ने मुझे यहां पर भेजा है. वह वापिस जाता है जादगुर को बता देता है की यहां पर बहुत अधिक धन है जादूगर को अब समझ आ गया था यहां पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन अब जादूगर को लगता है की यह बात समेश को पता चल गयी है, इसलिए समेश को यहां से नहीं जाने देना चाहिए,

उड़ने वाली कालीन :-

जादगुर समेश से कहता है की अब तुम्हे यही पर रहना होगा.

क्योकि तुम इस धन के बारे में जान गए हो. तुम बाहर जाकर इस बारे में बता सकते हो.

इसलिए जादूगर समेश को ऊपर नहीं खींचता है.

वह जादूगर अपनी उड़ने वाली कालीन से उस जगह पर जाता है वह धन को इक्क्ठा कर लेता है

उस जगह से चला जाता है, समेश उस जगह से निकलने की कोशिश करता है और

बाद में वह कामयाब भी हो जाता यही मगर उस दिन समेश को पता चल गया था

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अगर वह अपने भोलेपन से काम लेता है तो उस पर समस्या आ सकती है. उस दिन से समेश बिना बात किये किसी का भी काम आसानी से नहीं करता है. यह कहानी हमे सिखाती है. जीवन में कभी भी बिना किसी का मकसद जाने कोई काम नहीं करना कहहिये अगर आपको यह दोनों कहानी, hindi story, hindi short stories for kids, पसंद आयी है. शेयर करे,

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